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अभी और कितना थू थू कराएगी बीजेपी कौन विधायक दे रहे संरक्षण वसूली करने वाले सिपाही को घोरावल वसूली प्रकरण

विजय विनीत

अभी और कितना थू थू कराएगी बीजेपी
कौन विधायक दे रहे संरक्षण वसूली करने वाले सिपाही को
घोरावल वसूली प्रकरण
वर्षों से चर्चित हैं प्रमोद कुमार कुशवाहा
स्थानांतरण के बाद भी हमेशा घोरावल बना रहा आना-जाना
अधिकारियों के नाम पर वसूली ही मुख्य धंधा
सोनभद्र घोरावल थाना क्षेत्र के विसरेखी गांव निवासी विवेक कुमार पांडे ने प्रमोद कुमार कुशवाहा नामक सिपाही पर वसूली का आरोप लगाकर घोरावल में एक विधायक के कथित संरक्षण में चल रहे इस खेल से लोगों को चौंका कर दिया है।हालांकि जिस युवक ने यह आरोप लगाया है वह भी पूर्व में बालू के धंधे में और वर्तमान में गिट्टी के परिवहन से जुड़ा हुआ है। इस शिकायत के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों से हुई बातचीत के बाद जो तथ्य उभर कर सामने आए हैं वह कम चौंकाने वाले नहीं।
सिपाही का इतिहास

जिस सिपाही पर वसूली का आरोप लगा है वह सिपाही तीन बार घोरावल थाने पर ही अपनी तैनाती कराने में कामयाब रहा है आखिर घोरावल में ऐसा क्या खास है जो यह सिपाही वही रहना चाहता है। लोगों से हुई बातचीत के आधार पर जो तथ्य उभर कर सामने आए हैं वह बेहद गंभीर है और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में तो और भी गंभीर हो जाता है जब सूबे के मुखिया जीरो टार लेंस की बात करते हो। हालांकि यह भी सच है की वर्तमान में जिस तरह सोनभद्र में अवैध खनन व परिवहन हो रहा है शायद उसकी मिसाल कहीं और हो कई पासरो व अन्य के खिलाफ कई प्राथमिकिया दर्ज हो चुकी हैं सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन थाना अध्यक्ष सी पी पांडेय के जमाने से ही इसे राजनीतिक संरक्षण मिलना प्रारंभ हो गया था। और इसके राजनीतिक संरक्षण के चलते तत्कालीन थाना अध्यक्ष बुरी तरह प्रभावित हुए थे। करें कोई भरे कोई की तर्ज पर उन्हें इसके करनी का खामियांजा भुगतना पड़ा था.। उन्होंने जब इसकी करगुजारियों पर अंकुश लगाने की कोशिश की तो उक्त सिपाही राजनीतिक प्रभाव होने के कारण उनकी ही जांच शुरू करवा कर उन्हें वहां से हटवाने में सफल रहा। बृजेश सिंह ने जब थाने का कार्यभार संभाला तब भी इसकी हरकतें बंद नहीं हुई और इसके संरक्षण में क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक युवक अवैध बालू खनन से जुड़ गए देखा देखी जब कुछ अन्य युवक इस धंधे में उतरना चाहे तो उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया गया ट्रैक्टर से बालू लेकर आने वाले एक चालक को उक्त सिपाही ने इस कदर दौडाया की कोलिया घाट के पास ट्रैक्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उक्त युवक की मौत हो गई। घोरावल थाने से हटने के बाद जबउक्त सिपाही रेलवे में गया तो वहां से भी घोरावल आने जाने का क्रम रहा । वर्तमान में बताया गया कि मध्य प्रदेश से लगभग 30 की संख्या में पिकअप वाहन घोरावल प्रतिदिन आते जाते हैं जिनसे ढाई हजार रुपए महीने वसूला जाता है टेंपो चालक भी मजबूरी में 500 से 1000 रुपए तक अदा करते हैं लोकल में चलने वाले गिट्टी बालू लदे वाहनों से ₹12000 महीने और जो महीना नहीं दे पाते उनसे प्रति चक्कर के हिसाब से ₹1000 वसूलने की बात बताई जा रही है।
विधायक की भूमिका

इस सिपाही को लेकर विधायक व उनसे जुड़े प्रभावशाली लोगों की भूमिका भी कम नहीं है हालांकि अपने शिकायती पत्र में विवेक पांडे ने किसी विधायक का नाम नहीं लिखा है लेकिन जनपद में मंत्री समेत तीनों विधायक भाजपा के हैं ऐसे में जो भी विधायक है वह है तो भाजपा का ही लोगों से बातचीत के आधार पर जो बातें सामने आई हैं उसमें कई चौंकाने वाले मामले हैं कुछ लोग विधायक के खास का बरदहस्त बताते हैं तो कुछ लोग सीधे विधायक का कहने वाले तो यहां तक बताए हैं कि उक्त सिपाही को सड़क पर देखकर विधायक की गाड़ी रुक जाती थी और बगैर हाल-चाल किये आगे नहीं बढ़ती थी। कई ऐसे मामले जो नशाखोरी चोरी और अन्य अपराधों से जुड़े रहे उसमें भी यह अपने संरक्षण दाताओं की शह पर हस्तक्षेप करके कुछ जाति विशेष के लोगों को छुड़वाने में कामयाब रहता था।

वर्तमान सीओ व थानध्यक्ष की भूमिका
प्रमोद कुमार कुशवाहा की इस वसूली में वर्तमान पुलिस उपाधीक्षक या ईनके पूर्व के पुलिस उपाधीक्षक का कहीं से कोई संबद्ध क्षेत्र के लोगों ने नहीं बताया वर्तमान सीओ को अभी कार्यभार ग्रहण किये एक माह भी नहीं हुए हैं और पूर्व के सीओ नवागत थे कार्य के प्रति सजग और गंभीर थे पहली तैनाती थी ऐसे में धनलोलुपता से दूर रहे वर्तमान थाना अध्यक्ष भी जहां-जहां रहे हैं वहां उनके व्यवहार और कार्य को लोगों ने काफी अच्छा बताया और सराहना करने वाले ही मिले इस तरह की अवैध वसूली वह भी जबरिया से लोगों ने दूर-दूर तक का संबंध होने से खारिज कर दिया

रही बात सिपाही पर वसूली के लगाये गये आरोप की तो उसे यह कहकर नजर अंदाज नहीं किया जा सकता की शिकायत करता भी अवैध कार्य में लिप्त है जिस तरह शिकायतकर्ता ने ऑडियो व एक प्राइवेट व्यक्ति से वसूली करने का साक्ष्य उपलब्ध कराया है वह प्रमाण काफी माने जाने चाहिए देखना यह है कि इस जांच में आगे क्या होता है हालांकि वसूली में एक अन्य प्राइवेट व्यक्ति का भी नाम सामने आ रहा है जो प्रमोद कुमार कुशवाहा वह कुछ अन्य लोगों के लिए भी काम करता है

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